पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार किये गए मुलजिम कुलदीप सिंह ने थाना विजीलैंस ब्यूरो उड़न दस्ता-1 पंजाब मोहाली में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत दर्ज एफ. आई. आर नंबर 28, तारीख़ 30. 10. 2023 के अधीन केस की जाँच के दौरान कुछ अहम खुलासे किये हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मुलजिम बलबीर सिंह और ख़ाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग, पंजाब का ड्राइवर कुलदीप सिंह और ख़ुद को आई. जी., विजीलैंस ब्यूरो बताने वाले मालविन्दर सिंह सिद्धू, ए. आई. जी. मानवाधिकार सेल, पंजाब पुलिस, सह-मुलजिम हैं। ज़िक्रयोग्य है कि उक्त मालविन्दर सिंह उक्त मुलजिमों के साथ मिलकर ग़ैर-कानूनी ढंग से सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड हासिल करके उनके खि़लाफ़ झूठी और फ़र्ज़ी शिकायतें दर्ज करवा करके उनसे धोखाधड़ी, ब्लैकमेल करके पैसे की वसूली करता था।
प्रवक्ता आगे बताया कि उक्त मुलजिम कुलदीप सिंह द्वारा ऐवीडैंस एक्ट के अंतर्गत दिए बयान के बाद विजीलैंस ब्यूरो ने इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस, विजीलैंस विभाग, पंजाब के नाम पर बनी एक जाली/ फर्जी मोहर बरामद की है, जोकि कुलदीप सिंह के बताने अनुसार ए. आई. जी. मालविन्दर सिंह द्वारा ब्लैकमेल/ जबरदस्ती के लिए इस्तेमाल की जाती थी। इसके इलावा मुलजिम कुलदीप सिंह से दो मोबाइल फ़ोन भी बरामद किये हैं, जिनको फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इन मोबाइल फोनों में मौजूद डेटा के कारण इस केस में बड़े खुलासे हो सकते हैं और आगे जांच जारी है।