किसानों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की
केंद्र सरकार को खुली चर्चा के लिए आगे आने के लिए कहा
चंडीगढ़,
पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने किसानों पर पुलिस की धक्केशाही को लोकतांत्रिक अधिकारों की घोर उल्लंघना करार देते हुए कहा कि किसानों के अधिकारों की माँगें पूरी की जाएँ और उनको खुली विचार-चर्चा के लिए बुलाया जाये।
राष्ट्रीय राजधानी के रास्ते में बैरीकेडिंग और अन्य रूकावटें डालने की निंदा करते हुए स. संधवां ने इसको लोकतंत्र पर बड़ा हमला करार दिया, जिस दौरान अधिकारियों द्वारा लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बेरहमी से कुचला गया। उन्होंने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ किए वायदों पर कोई कार्यवाही न करते हुए हालात इस हद तक बिगडऩे दिए।
स्पीकर ने कहा कि मोदी सरकार पिछले 10 सालों के दौरान किसानों के साथ किए वायदों को पूरा करने में नाकाम रहने के बाद उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि कँटीली तार, ड्रोन के ज़रिये आँसू गैस, कीलें और अन्य तरीकों से हमारे अपने किसानों को रोकने की कोशिश की जा रही है। यह कहते हुए कि तानाशाही के दिन चले गए हैं, उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के लिए होती हैं, लोगों के विरुद्ध नहीं।