एस.एच.ओज के लिए 410 नये हाई-टैक वाहनों को हरी झंडी दिखाई
पहली बार निचले स्तर पर पुलिस को नये वाहन दिए
सप्लाई लाईन तोडक़र पंजाब को मुकम्मल तौर पर नशा-मुक्त बनाने का प्रण दोहराया
मृतक पुलिस कर्मचारियों के परिवारों को वित्तीय सहायता के लिए चैक सौंपे
फिल्लौर (जालंधर),
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब निवासियों को कारगर, जवाबदेह और प्रभावशाली पुलिस सेवा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस को आधुनिक रास्ते पर लाया है।
आज यहाँ 410 नये हाई-टैक वाहनों को हरी झंडी दिखाने से पहले यहाँ जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार एस.एच.ओज (थाना प्रमुखों) को नये वाहन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल पुरानी व्यवस्था के उलट की गई है क्योंकि इससे पहले ज़मीनी स्तर पर नये वाहन केवल उच्च अधिकारियों को दिए जाते थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों में एस.एच.ओ. पंजाब पुलिस का असली चेहरा हैं क्योंकि वह सीधे तौर पर लोगों के साथ जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सडक़ सुरक्षा फोर्स ने पन्दरवाड़े के अंदर मृत्यु दर को घटाने में अहम भूमिका निभाई है। इसका हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले औसतन 17 मौतें प्रतिदिन होती थीं, जबकि एक फरवरी को जब से इस फोर्स को सडक़ों पर तैनात किया गया है, से लेकर 15 दिनों के अंदर 13 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह तो अभी केवल शुरुआत है और आने वाले समय में यह संख्या और भी घटाई जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सडक़ सुरक्षा फोर्स जि़ला पुलिस से बोझ घटाने और उनकी कार्यकुशलता में सुधार करने में सहायक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर राज्य में सडक़ हादसों के कारण होने वाली मौतों की दर को रोकने और दूसरी ओर राज्य की सडक़ों पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार सडक़ सुरक्षा फोर्स की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोज़ाना के सडक़ हादसों में जा रही कीमती जानों को बचाने के लिए अहम भूमिका निभा रही है और इस फोर्स को अंधाधुन्ध ड्राइविंग करने, सडक़ों पर वाहनों के यातायात को सुचारू बनाने और अन्य कार्यों की जि़म्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शुरुआती तौर पर अति-आधुनिक यंत्रों से लैस 129 वाहन हर 30 किलोमीटर के बाद सडक़ों पर तैनात किए गए हैं और इन वाहनों के पास किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजैंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी मौजूद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरहदी राज्य होने के कारण दुश्मन ताकतें राज्य की शांति को भंग करने के नापाक मंसूबे बना रही हैं, परन्तु पंजाब पुलिस ने हमेशा ही ऐसी साजिशों को मुँह-तोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य को दरपेश बड़ी चुनौतियों पर काबू पाने के लिए यह ज़रूरी है कि पुलिस फोर्स को जांच, विज्ञान और प्रौद्यौगिकी के क्षेत्र में आधुनिक ज़रूरतों से लैस किया जाये। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य की पुलिस को वैज्ञानिक राह पर अपग्रेड करने और आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस आने वाले समय में भी देश की निस्वार्थ सेवा की अपनी शानदार विरासत को बरकरार रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के मनोरथ से औरतों की सुरक्षा और हिफ़ाज़त के लिए आठ विशेष महिला थाने बनाऐ गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिलों में सीनियर पुलिस कप्तान के तौर पर महिला अधिकारी तैनात हैं और 10 से अधिक जिलों में महिला डिप्टी कमिश्नर हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में लड़कियों की भलाई के लिए अहम प्रयास किए जा रहे हैं और इन प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कई पहलें की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब 90 प्रतिशत घरों को मुफ़्त बिजली मिल रही है, 40 हज़ार से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ मिली हैं, लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी पहलें आम आदमी की भलाई के लिए हैं और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कमी को दूर करने के लिए आने वाले चार सालों के लिए पंजाब पुलिस में हर साल 1800 कॉन्स्टेबल और 300 सब-इंस्पेक्टर भर्ती करन का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि इन 2100 पदों के लिए हर साल लगभग 2.50 लाख उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन करेंगे, इसके लिए सभी इच्छुक परीक्षार्थी परीक्षाएं पास करने के लिए अकादमिक तैयारी के साथ-साथ शारीरिक फिटनैस की ओर ध्यान देंगे। भगवंत मान ने कहा कि इससे उनकी असीमित ऊर्जा को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने और नशों की बीमारी से छुटकारा पाने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि ‘खाली मन, शैतान का घर होता है’, इसलिए नौजवानों को रोजग़ार मुहैया करवाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, जिससे वह काम और खेलों में लगे रहें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका मकसद यह सुनिश्चित बनाना है कि हमारे सभी नौजवान स्वास्थ्य पक्ष से पूरी तरह से तंदुरुस्त हों, जिससे समाज में नशों की बीमारी के लिए कोई जगह न बचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब जल्द ही नशा-मुक्त राज्य बन जायेगा क्योंकि राज्य सरकार द्वारा नशों की सप्लाई चेन को तोडऩे के लिए सख्ती के साथ कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नशों के सौदागरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा, परन्तु नशों से ग्रसित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास किये जाने चाहिएं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब पुलिस राज्य को पूरी तरह से नशा-मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सख़्त कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस के जवानों के परिवारों की भलाई के उद्देश्य से एक और पहल करते हुए राज्य सरकार ने ‘गुलदस्ता’ नाम का समागम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस समागम में पुलिस के जवान और उनके परिवार ही शिरकत करते हैं। उन्होंने कहा कि इन परिवारों को बहुत ज़्यादा मुश्किलें सहनी पड़ती हैं क्योंकि पुलिस कर्मचारियों का ज़्यादातर समय ड्यूटी में गुजऱ जाता है, जिस कारण परिवार अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समागम का उद्देश्य इन परिवारों को एकत्र करना है, जिससे वह सभी परेशानियों से मुक्त होकर एकसाथ समय व्यतीत कर सकें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने ए.एस.आई. हरदेव सिंह, सीनियर कॉन्स्टेबल गुरप्रीत सिंह और कॉन्स्टेबल शालू राणा के परिवारों को वित्तीय सहायता के चैक सौंपे। इन तीनों पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान घटे हादसों में मौत हो गई थी।