पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मंगलवार को ख़ाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग, पंजाब के ड्राइवर कुलदीप सिंह को सुप्रीम कोर्ट से उसकी ज़मानत पटीशन खारिज किये जाने के बाद गिरफ़्तार कर लिया है।
यह प्रगटावा करते हुये आज यहाँ राज्य विजीलैंस के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त कुलदीप सिंह पुलिस थाना विजीलैंस ब्यूरो, उड़न दस्ता- 1 पंजाब, मोहाली में एफ. आई. आर. नम्बर 28, तारीख़ 30. 10. 2023 के अंतर्गत दर्ज किये गए एक मुकदमे में मालविन्दर सिंह सिद्धू, सहायक इंस्पेक्टर जनरल ( ए. आई. जी.) मानव अधिकार सेल, पंजाब पुलिस से सम्बन्धित केस में वांछित था जिसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, वसूली और सरकारी कर्मचारियों से रिश्वत लेने सम्बन्धी केस में सह दोषी है। इस केस में दो मुलजिम एआईजी मालविन्दर सिंह सिद्धू और बलबीर सिंह, गाँव आलमपुर, ज़िला पटियाला को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।
उन्होंने आगे बताया कि ए. आई. जी. सिद्धू सरकारी कर्मचारियों के खि़लाफ़ जान-बुझ कर झूठी शिकायतें दर्ज कराता था जिससे उनको ब्लैकमेल किया जा सके और शिकायत ख़ारिज करने के बदले नाजायज लाभ लिए जाते थे। हालाँकि, 2017 के बाद, वह कभी भी विजीलैंस ब्यूरो, पंजाब में ए. आई. जी या आई. जी. के पद पर नहीं रहा। उन्होंने बताया कि एआईजी सिद्धू ने एक सरकारी अध्यापक की सर्विस बुक की फोटो कापी लेने के लिए ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अफ़सर, राजपुरा के दफ़्तर में काम करते एक डाटा आपरेटर को ख़ुद को आईजी, विजीलैंस ब्यूरो, पंजाब के तौर पर पेश किया था।
प्रवक्ता ने और जानकारी देते हुये बताया कि ए. आई. जी. सिद्धू ने सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल घनौर के प्रिंसिपल को लिखित दरख़ास्त के इलावा स्कूल की ईमेल आईडी और उपरोक्त मुलजिम कुलदीप सिंह के द्वारा एक अन्य आवेदन भेज कर स्कूल से रिकार्ड हासिल किया। स्कूल में से अध्यापकों के लिए गए रिकार्ड की पड़ताल करने के लिए वह ज़िला समाज कल्याण अफ़सर, पटियाला को अपने साथ स्कूल लेकर गया और प्रिंसिपल से दो पन्नों के प्रोफार्मे पर दस्तखत करवाने की कोशिश भी की, परन्तु प्रिंसिपल ने फार्म और दस्तखत करने से इन्कार कर दिया था।
उन्होंने आगे बताया कि एक अन्य मामले में ए. आई. जी. सिद्धू ने उक्त बलबीर सिंह के द्वारा गुरूहरसहाए ज़िला फ़िरोज़पुर में कृषि विभाग के एक ब्लाक कृषि अफ़सर का निजी रिकार्ड हासिल किया। इसके बाद उन्होंने जाली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट रखने के लिए सम्बन्धित अधिकारी के खि़लाफ़ उसके विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई। इस शिकायत को वापस लेने के एवज़ में उसने अधिकारी से तीन लाख रुपए की माँग की थी, जिसमें से डेढ़ लाख रुपए बलबीर सिंह और मलविन्दर सिंह सिद्धू ने गैर कानूनी तरीके से वसूल भी लिए थे। उन्होंने कहा कि इस केस सम्बन्धी आगे जांच जारी है।